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पैदावार / अनिल धमाका

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|संग्रह=खिलखिलाहट / काका हाथरसी
}}
<poem>हमसे पूछा गया<br>‘किन्हीं दो फ़सलों के नाम बताएँ<br>स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद लगातार<br>बढ़ रही हो जिनकी पैदावार।’<br>
हमने कहा-‘भ्रष्टाचार व आतंकवाद।’
</poem>
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