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|संग्रह=कितनी नावों में कितनी बार / अज्ञेय
}}
{{KKCatKavita}}<poem>धड़कन धड़कन धड़कन— <br>दाईं, बाईं, कौन सी आँख की फड़कन— <br>मीठी कड़वी तीखी सीठी <br>कसक-किरकिरी किन यादों की रड़कन? <!---असली किताब में "यादों का रड़कन" लिखा है जो कि ग़लत है, शब्दसागर में रड़कन को स्त्रीलिंग ही बताया गया है, रड़क इसके समानार्थी है।---> <br>उँह! कुछ नहीं, नशे के झोंके-से में <br>स्मृति के शीशे की तड़कन! <br/poem>
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