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इसके पहले / अरुण कमल

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|संग्रह = अपनी केवल धार / अरुण कमल
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इसके पहले कि तुम उगो
 
ओ बीज
 
मैंने तुम्हें मिट्टी से ढाँपा था ।
 
इसके पहले कि तुम खिलो
 
ओ गुलाब
 
तुम्हारी कलम पर मैंने
 
थोपा था गोबर ।
 
इसके पहले कि तुम फलो
 
ओ बैगन के पौधे
 
तुमने ख़ुद ही झाड़े थे
 
कितने कठफूल ।
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