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[[Category:नागार्जुन]]
[[Category:कविताएँ]]
{{KKSandarbh
|लेखक=नागार्जुन
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|प्रकाशक=
|वर्ष=
|पृष्ठ=
}}

गीली भादों<br>
रैन अमावस<br><br>

कैसे ये नीलम उजास के<br>
अच्छत छींट रहे जंगल में<br>
कितना अद्भुत योगदान है<br>
इनका भी वर्षा–मंगल में<br>
लगता है ये ही जीतेंगे<br>
शक्ति प्रदर्शन के दंगल में<br>
लाख–लाख हैं, सौ हजार हैं<br>
कौन गिनेगा, बेशुमार हैं<br>
मिल–जुलकर दिप–दिप करते हैं<br>
कौन कहेगा, जल मरते हैं...<br>
जान भर रहे हैं जंगल में<br><br>

जुगनू है ये स्वयं प्रकाशी<br>
पल–पल भास्वर पल–पल नाशी<br>
कैसा अद्भुत योगदान है<br>
इनका भी वर्षा मंगल में<br>
इनकी विजय सुनिश्चित ही है<br>
तिमिर तीर्थ वाले दंगल में<br>
इन्हें न तुम 'बेचारे' कहना<br>
अजी यही तो ज्योति–कीट हैं<br>
जान भर रहे हैं जंगल में<br><br>

गीली भादों<br>
रैन अमावस <br><br>