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|संग्रह=दर्द आशोब / अहमद फ़राज़
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पैग़ाम्बर<ref>दूत</ref>
मैं कोई किरनों का सौदागर<ref>व्यापारी</ref>नहीं
अपने-अपने दुख की तारीकी<ref>अँधेरा</ref>लिए