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Kavita Kosh से
*[[तू कि अंजान है इस शहर के अंदाज़ समझ / फ़राज़]]
*[[ख़ुदा-ए-बरतर / फ़राज़]]
*[[क़ुर्ब जुज़ दाग़े-जुदाई नही देता कुछ भी / फ़राज़]]
*[[दोस्त बन कर भी नहीं साथ निभाने वाला / फ़राज़]]
*[[ये आलम शौक़ का देखा न जाए / फ़राज़]]