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अंदाज़ / रे मामा रे मामा रे

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नया पृष्ठ: <poem> सुन् लो सुनाता हूँ तुमको काहानी रूठो ना हमसे ओ गुडियों कि रानी …
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सुन् लो सुनाता हूँ तुमको काहानी
रूठो ना हमसे ओ गुडियों कि रानी

रे मम्मा रे मम्मा रे
रे मम्मा रे मम्मा रे

हम् तो गये बाजार् मे लेने को आलु
आलु वालु कुछ् ना मिला पीछे पडा भालू,
रे मम्मा ...

हम् तो गये बाजार् मे लेने को लट्टू
लट्टू वट्टू कुछ् ना मिला पीछे पडा टट्टू,
रे मम्मा ...

हम् तो गये बाजार् मे लेने को रोटी
रोटी वोटी कुछ् ना मिलि पीछे पडि मोटी,
रे मम्मा ...
</poem>
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