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[[सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"]] की पुत्री सरोज की मृत्यु 18 वर्ष की उम्र में हो गयी। सरोज स्मृति नामक इस रचना में कवि ने अपनी पुत्री की स्मृतियों को संजोया है।