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|रचनाकार=रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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<poem>
सुबह-सुबह!
हाँफता हुआ बच्चा!
जा रहा स्कूल!
पीठ पर लादे!
बस्ता किताबों का!
गले में झूलती!
पानी –भरी बोतल!
थके हुए कदम!
हलक़ सूखा हुआ!
थका हुआ बच्चा!
चढ़ रहा!
स्कूल की सीढ़ियाँ!
आगे खड़ा है –!
मुँह बाए!
बाघ-सा क्लास रूम!!
क्लास रूम में आएँगे!
चश्मे के भीतर से घूरते टीचर!!
सुबह-सुबह !<br>हाँफता हुआ बच्चा!<br>जा रहा स्कूल!<br> पीठ पर लादे!<br> बस्ता किताबों का!<br> गले में झूलती !<br> पानी –भरी बोतल!<br> थके हुए कदम!<br> हलक़ सूखा हुआ!<br> थका हुआ बच्चा !<br> चढ़ रहा !<br> स्कूल की सीढ़ियाँ!<br> आगे खड़ा है –!<br> मुँह बाए!<br> बाघ-सा क्लास रूम !!<br> क्लास रूम में आएँगे!<br> चश्मे के भीतर से घूरते टीचर!!<br> दोपहर हो गई-!<br> छुट्टी की घण्टी बजी!<br> उतर रहा है बच्चा !<br> स्कूल की सीढ़ियाँ-!<br> खट्ट -खट्ट खट्ट- खट्ट!<br> पीठ पर लादे !<br> भारी बस्ता किताबों का!<br> होमवर्क का बोझ !<br> जा रहा बच्चा घर की तरफ!<br> फर्राटे भरता !<br> फूल हुए पाँव!<br> सामने है घर !<br> आँचल की छाया.!<br/poem>
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