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शासक के प्रति / जय गोस्वामी

No change in size, 15:00, 2 जनवरी 2010
<Poem>
आप जो-जो कहेंगे,
मैं बिल्कुल वही-वही करूंगाकरूँगा!
वही-वही खाऊँगा, वही-वही पहनूँगा
वही-वही लगाकर,
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