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Kavita Kosh से
आप तो संसद में बैठे ऐश ही कारते रहे
और खाली ख़ाली पेट हमने भूख का देखा अज़ाब।
जब तलक हम एक थे खुशहाल ख़ुशहाल थे, आबाद थेआप ने जब फुट फूट डाली तो हो गए ख़ाना-ख़राब।
ये नया मौसम हमें कुछ रास आया था मगर