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मैं जो सर-ब-सज्दा<ref>प्रार्थना के लिए सर झुकाया</ref> कभी हुआ तो ज़मीं से आने लगी सदा<ref>पुकार </ref>
तेरा दिल तो है सनम-आशनाअ<ref>हृदय से मूर्तिपूजक मूर्ति-पूजक </ref> तुझे क्या मिलेगा नमाज़ में
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