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Kavita Kosh से
आज उसका जन्मदिन है
जन्मदिन है असंख्य किसलयों का
जो फ़ैलाते फैलाते हैं उल्लास और ताज़गी सारी वसुन्धरा पर,
जन्मदिन है अनाम वनस्पतियों का
जो सघन वन में बुनती हैं हरे-भरे सपने,