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Kavita Kosh से
|रचनाकार= जावेद अख़्तर
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यही हालात इब्तदा से रहे <br>
लोग हमसे ख़फ़ा -ख़फ़ा से रहे <br><br>
बेवफ़ा तुम कभी न थे लेकिन <br>
ज़िन्दगी की शराब माँगते हो <br>