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मौत तू एक कविता है / गुलज़ार

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<poem>मौत तू एक कविता है,<br>मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको<br><br>
डूबती नब्ज़ों में जब दर्द को नींद आने लगे<br>ज़र्द सा चेहरा लिये जब चांद उफक तक पहुचे<br> दिन अभी पानी में हो, रात किनारे के करीब<br> ना अंधेरा ना उजाला हो, ना अभी रात ना दिन<br><br> जिस्म जब ख़त्म हो और रूह को जब साँस आऐ <br>मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको<br><br>
जिस्म जब ख़त्म हो और रूह को जब साँस आऐ
मुझसे एक कविता का वादा है मिलेगी मुझको</poem>
''(इस कविता को हिन्दी फ़िल्म "आनंद" में डा. भास्कर बैनर्जी नामक चरित्र के लिये लिखा गया था। इस चरित्र को फ़िल्म में अमिताभ बच्चन ने निभाया था)''
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