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Kavita Kosh से
कितनी घिनौनी होती है
बड़े बड़े जूड़े काले चश्मे
हवाई अड्डे पर एक लूट की गंध रहती है
चिकने गोल -गोल मुंहमुँहअंग्रेज़ी अँग्रेज़ी बोलने की कोशिश करते हुए
हर क़िस्म का भारतीय अमीर होकर
कि वह दूसरे भारतीयों से
भिन्न दिखाई देने लगता है
उनमें से कुछ ही थैंक्यू अंग्रेज़ी अँग्रेज़ी ढंग से कह पाते हैंबाक़ी अपनी -अपनी बोली के लहज़े लपेट कर छोड़ देते हैं।
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