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दुआ / सफ़दर इमाम क़ादरी

4 bytes added, 15:04, 23 अप्रैल 2010
दुआ कुबूल हो जाती है
पहाड़ की सबसे ऊँची चोटी पर खड़े होकर
आँखें बन्द करकेहवाओं करकेहवाओं में बाहें बाँहें फैलाओ
"ख़ुदा बन्दे से ख़ुद पूछे
बता तेरी रज़ा<ref>ख़ुशी, इच्छा</ref> क्या है?"
</poem>
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