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Kavita Kosh से
प्रीत हाँ प्रीत दुनिया में सुख की एक ही रीत,।
आप से मिले तो लगा क्या मिलना किसी और से
ढ़ूंढता रहा खुद को दिन रात ढूंढ नहीं पाया