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{{KKRachna
|रचनाकार=मजरूह सुल्तानपुरी
}}
[[Category:ग़ज़ल]]<poem>
हमें ए दिल कहीं ले चल बड़ा तेरा करम होगा
हमारे दम से है हर गम न होने हम न गम होगा

खबर क्या थी भार आ कर हमारे आशियाने पर
नई बिजली गिरायेगी नया हम पे सितम होगा

तमन्नाओं से बदली है न बदलेगी कभी किस्मत
लिखा है जो मुकद्दर में वही तेरा करम होगा
</poem>