भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
नया पृष्ठ: '''सीथीयाई'''<br />रचनाकार : अलेक्सान्द्र ब्लोक<br /><poem>माना तुम हो लाखों<br /…
'''सीथीयाई'''<br />रचनाकार : अलेक्सान्द्र ब्लोक<br /><poem>माना तुम हो लाखों<br />लेकिन हम प्रचण्डधारा अटूट हैं