भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
शहरयार
,* [[बेताब हैं और इश्क़ का दावा नहीं हमको / शहरयार]]
* [[कहीं ज़रा-सा अँधेरा भी कल की रात न था / शहरयार]]