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{{KKGlobal}}{{KKRachna|रचनाकार= सांवर दइया |संग्रह=}}{{KKCatKavita}}<poemPoem>वे समझाते हैं
लड़ो
लड़ना धर्म है
पृथ्वी और मनुष्य को
बचाने के लिए लड़ो ।
सब से पहले
रौंदी जाती है पृथ्वी