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[[Category:गज़ल]]
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परेशाँ रात सारी है सितारों तुम तो सो जाओ
सुकूत-ए-मर्ग तारी है सितारों तुम तो सो जाओ
परेशाँ रात सारी है सितारों तुम तो सो हँसो और हँसते-हँसते डूबते जाओ <br>ख़लाओं मेंसुकूत-ए-मर्ग तारी हमें ये रात भारी है सितारों तुम तो सो जाओ <br><br>
हँसो और हँसते-हँसते डूबते जाओ ख़लाओं में <br>तुम्हें क्या आज भी कोई अगर मिलने नहीं आयाहमें ये रात भारी बाज़ी हमने हारी है सितारों तुम तो सो जाओ <br><br>
तुम्हें क्या आज भी कोई अगर मिलने नहीं आया <br>कहे जाते हो रो-रो के हमारा हाल दुनिया सेये बाज़ी हमने हारी कैसी राज़दारी है सितारों तुम तो सो जाओ <br><br>जा
कहे जाते हो रो-रो के हमारा हाल दुनिया से <br>हमें तो आज की शब पौ फटे तक जागना होगाये कैसी राज़दारी यही क़िस्मत हमारी है सितारों तुम तो सो जा <br><br>जाओ
हमें तो आज की शब पौ फटे तक जागना होगा <br>यही क़िस्मत हमारी है सितारों तुम तो सो जाओ <br><br> हमें भी नींद आ जायेगी हम भी सो ही जायेंगे <br>अभी कुछ बेक़रारी है सितारों तुम तो सो जाओ <br><br/poem>
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