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Kavita Kosh से
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ग़ालिब}}
{{KKPustak
|चित्र=deewanegalib.jpg
|नाम=दीवान-ए-ग़ालिब
|रचनाकार=[[ग़ालिब]]
|प्रकाशक= हिन्द पॉकेट बुक्स (प्रा.) लिमिटेड, जी.टी. रोड दिलशाद गार्डन, शाहदरा, दिल्ली - 110095|वर्ष= 1994|भाषा=हिन्दीउर्दू|विषय=ग़ज़लें, रुबाईयां|शैली=--ग़ज़लें, रुबाईयाँ
|पृष्ठ=159
|ISBN=--|विविध=--
}}
(दीवाने-ग़ालिब एक बहु-प्रकाशित पुस्तक है। हर पुस्तक विभिन्न प्रकाशकों व संपादकों द्वारा इस संग्रह में शब्द अलग-अलग रचनाएँ जोड़ी गई हैं। आपको दीवाने-ग़ालिब की विभिन्न कॉपियों में अलग-अलग तरह से छपे हुए रचनाएँ मिल सकती हैं जो की अनुवाद करने वाले ; जिनका चयन सम्पादक पर निर्भर करते हैं इसलिए हो सकता है कि इस भाग में कुछ शब्द शुद्द हिंदी में ना होंकरता है। यहाँ हम [[ग़ालिब]] की तमाम रचनाएँ पेश कर रहे हैं।)<br>
* [[रुबाइयां / ग़ालिब]]
* [[क़तआत / ग़ालिब]]
# [[नक़्श फ़रियादी है किसकी शोख़ी-ए-तहरीर का / ग़ालिब]]
# [[जराहत तोहफ़ा अलमास अरमुग़ां / ग़ालिब]]
# [[है बस कि हर इक उनके इशारे में निशाँ और / ग़ालिब]]
# [[लरज़ता है मेरा दिल, ज़हमते-मेहरे-दरख़्शां पर / ग़ालिब]]
# [[लाज़िम था कि देखो मेरा रस्ता कोई दिन और / ग़ालिब]]
# [[क्यों कर उस बुत से रखूँ जान अज़ीज़ / ग़ालिब]]
# [[ज़ख़्म पर छिड़कें कहां तिफ़लाने-बेपरवा नमक / ग़ालिब]]
# [[आह को चाहिये इक उम्र असर होने तक / ग़ालिब]]
# [[ग़म नहीं होता है आज़ादों को बेश-अज़-यक-नफ़स / ग़ालिब]]
# [[वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ / ग़ालिब]]
# [[क़फ़स में हूं गर अच्छा भी न जाने मेरे शेवन को / ग़ालिब]]
# [[धोता हूँ जब मैं पीने को उस सीमतन के पाँव / ग़ालिब]]
# [[वां पहुंचकर जो ग़श आता पै-ए-दम हम है हमको / ग़ालिब]]
# [[तुम जानो तुमको ग़ैर से जो रस्मो-राह हो / ग़ालिब]]
# [[गई वो बात कि हो गुफ़्तगू तो क्योंकर हो / ग़ालिब]]
# [[किसी को दे के दिल कोई नवासंजे-फ़ुग़ाँ क्यों हो / ग़ालिब]]
# [[रहिये अब ऐसी जगह चल कर जहाँ कोई न हो / ग़ालिब]]
# [[सद जल्वा रू-ब-रू है / ग़ालिब]]
# [[मस्जिद के ज़ेरे-साया ख़राबात चाहिए / ग़ालिब]]
# [[बिसाते-इज्ज़ में था एक दिल यक क़तरा-ख़ूं वो भी / ग़ालिब]]
# [[आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे / ग़ालिब]]
# [[शबनम ब-गुल-ए-लाला न ख़ाली ज़-अदा है / ग़ालिब]]
# [[मंज़ूर थी ये शक्ल तजल्ली को नूर की / ग़ालिब]]
# [[ग़म खाने में बोदा दिले-नाकाम बहुत है / ग़ालिब]]
# [[मुद्दत हुई है यार को मेहमाँ किये हुए / ग़ालिब]]
# [[रहा बला में भी मुब्तिलाए-आफ़ते-रश्क / ग़ालिब]]