भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बादली/चन्द्र सिंह

193 bytes added, 11:55, 13 नवम्बर 2010
आठूं पोर अड़ीकतां बीते दिन ज्यूँ मास
दरसन दे, अब बादली मुरधर नै मत तास
 
कोरां कोरां धोरियाँ डून्गा-डून्गा डेर
आव रमां ए बादली, ले-ले मुरधर ल्हेर
 
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
8,152
edits