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'''(रोज़ी वट्टा के लिए)
एक अरसा बीत गया
लापरवाह अपने चारों ओर से
ढूँढ रही हो ज्यों मुझे भोर से
प्रेम में मेरे डूबी थी ऐसे
उसकी याद आती है
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