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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अदम गोंडवी }} [[Category:ग़ज़ल]] <poem> जो उलझ कर रह गयी है फा…
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अदम गोंडवी
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
जो उलझ कर रह गयी है फाइलों के जाल में
गाँव तक वह रौशनी आएगी कितने साल में
बूढ़ा बरगद साक्षी है किस तरह से खो गयी
राम सुधि की झौपड़ी सरपंच की चौपाल में
खेत जो सीलिंग के थे सब चक में शामिल हो गए
हम को पट्टे की सनद मिलती भी है तो ताल में
</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=अदम गोंडवी
}}
[[Category:ग़ज़ल]]
<poem>
जो उलझ कर रह गयी है फाइलों के जाल में
गाँव तक वह रौशनी आएगी कितने साल में
बूढ़ा बरगद साक्षी है किस तरह से खो गयी
राम सुधि की झौपड़ी सरपंच की चौपाल में
खेत जो सीलिंग के थे सब चक में शामिल हो गए
हम को पट्टे की सनद मिलती भी है तो ताल में
</poem>