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|रचनाकार=कुमार अनिल
हर आँगन में दीप जला कर ख़ुश हो लेता हूँ
रस रास नहीं आता जब मुझको साथ सयानो का
बच्चों की दुनिया में आकर ख़ुश हो लेता हूँ
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