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बबुआ बइठले नहाए त सासु निरेखेली ए,

ललना कवना चेली के लोभवलु त,

गरभ रहि जाले नू ए।

पुत मोरे बसेले अयोध्या, पतोहिया गजओबर ए,

ए सासु भंवरा सरीखे प्रभु अइले,

गरभ रहि जाले नू ए।

मोरे पिछुअरवा पटेहरवा भइया, तूहू मोरे हितवा नू ए,

बिनी द ना रेशमऽ के जलिया त,

छैला के भोराइवि हे।

बिनि देहले रेशमऽ के जलिया, रेशम-डोरिया लगाई देहले ए

लेहि जाहु रेशम के जलिया, छैला के भोरावऽहु ए ।

सुतल बाड़ू कि जागलऽ सासु,

चिन्ही लऽ आपनऽ पुतवा अछरंगवा मत लगावऽहु ए। (अछरंग=दोष)