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वृक्षों का प्रार्थना गीत / राजेश जोशी
Kavita Kosh से
मत छुओ, हमे मत छुओ बसन्त
अब नहीं हो सकता
छुपम- छुपेया का खेल
तुम छुओ और हम उड़ जाएँ
अन्तरिक्ष में
लुक जाएँ किसी नक्षत्र, किसी ग्रह, उपग्रह
या तारे की आड़ में
हमें डँस लिया है एक विषैली रात ने
मत छुओ, हमे मत छुओ बसन्त