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वो लड़की-1 / अनिल सरकार
Kavita Kosh से
युवावस्था में
लड़की जल्दी में थी!
आँखें पक्षी की तरह उड़ती हुई,
शरीर दक्षिणी हावड़ा पुल-सा सुगढ़,
इतनी सुंदर थी वह कि सब चिंतित थे
छोड़ते ही उड़ जाएगी,
यह सोचकर उसको बाँध लिया !
स्कूल बंद हो गया,
बाल काट दिए,
बंद कर दी कमरे की खिड़की
और घर का दरवाज़ा,
खिड़की से दीखने वाला आकाश,
बारिश से भरा मैदान,
दूर का घाट सब बंद एक साथ ।
मूल बंगला से अनुवाद : चंद्रिमा मजूमदार और अनामिका