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शंका / नरेश अग्रवाल
Kavita Kosh से
कचड़ा उठाने वालों पर
कुत्ते भौंकते हैं
जबकि वे जानते हैं
अब कचड़े में कुछ भी नहीं
जो भी था वे खा चुके
फिर भी शंकित -
शायद कुछ बचा हो।