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शरद की पतंग / सुरेश कुमार मिश्रा 'उरतृप्त'
Kavita Kosh से
आज उड़ते हुए
हर विमान को
जब आसमान में देखता हूं
तब लगता है मुझे ऐसे
जैसे शरद बादल
पतंग उड़ा रहे हैं
और कुछ
गिरने से बचा रहे हैं।