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शहर में साँप / 29 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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साँप भी मंदिर में
पूजनीय होय जाय छै
आदमी
पूजनीय होय खातिर
चोंगा बदलतै रहै छै।
अनुवाद:
साँप भी मंदिर में
पूजनीय हो जाता है
आदमी
पूजनीय होने के लिए
चोंगा बदलता रहता है।