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शहर में साँप / 40 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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साँप
प्रार्थना करै रहै
हे भगवान
वैं केकरो डँसे तेॅ ऊ मरै नै
वही आदमी कैह रहल रहै/हे भगवान
वैं केकरो छू भी दैय तेॅ
ऊ मैर जाये।
अनुवाद:
साँप
प्रार्थना कर रहा था
हे भगवान
वे किसी को डँसे/तो वह मरे नहीं
वहीं आदमी कह रहा था/हे भगवान
वे किसी को छू भी दूँ
तो वह बचे नहीं।