सखी मेरा कानुंडो कलिजेकी कोर है॥ध्रु०॥
मोर मुगुट पितांबर शोभे। कुंडलकी झकझोल॥स० १॥
सासु बुरी मेरी नणंद हटेली। छोटो देवर चोर॥स० २॥
ब्रिंदावनकी कुंजगलिनमें। नाचत नंद किशोर॥स० ३॥
मीरा कहे प्रभू गिरिधर। नागर चरणकमल चितचोर॥स० ४॥
सखी मेरा कानुंडो कलिजेकी कोर है॥ध्रु०॥
मोर मुगुट पितांबर शोभे। कुंडलकी झकझोल॥स० १॥
सासु बुरी मेरी नणंद हटेली। छोटो देवर चोर॥स० २॥
ब्रिंदावनकी कुंजगलिनमें। नाचत नंद किशोर॥स० ३॥
मीरा कहे प्रभू गिरिधर। नागर चरणकमल चितचोर॥स० ४॥