सच कहूँ याद तेरी आती है
जब भी दुनिया ये दिल दुखाती है
मेरे दिल के दयार मे जानाँ
तेरी तस्वीर मुस्कुराती है
जब उफनता है सब्र का दरिया
ज़ुल्म की कश्ती डूब जाती है
मौत हर बार जीत जाए जो
ज़िंदगी इतना क्यूँ सताती है
ख़त पुराने,निशानी और फ़ोटो
तुमको अलमारी तक छिपाती है
हँस के मिलती है या पलट के हँसें
वक़्त तो दुनिया ही बताती है