भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सपने में दिखा जलयान / ज्यून तकामी
Kavita Kosh से
{
|
सपने में दिखा मुझे एक जलयान
सफ़ेद था सफ़ेद पूरा वह जलवाहन ।
इतनी ख़ूबसूरत थीं उसकी शुभ्र पाखें
कि ख़ुशी से भर आई थीं मेरी आँखें ।।
तभी आ गया वहाँ भयानक तूफ़ान
सपने में डूब रहा था वह जलयान ।
अथाह गहरे सागर में डूब गया जो
मेरे सपनों में आता है आज भी वो ।।
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय