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सफल कोशिश में / चंद्र रेखा ढडवाल
Kavita Kosh से
स्वर्ग तलाशते
रोज़-रोज़
सिरजती है नर्क
देखती है नर्क
भोगती है नर्क और
सिरजे हुए को / देखे हुए
भोगे हुए को
नकारने की
सफल कोशिश पर
हँसती है
विफलता पर
कुढ़ती है औरत