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सबसे पहले / सांवर दइया
Kavita Kosh से
वह समझाते हैं
लड़ो ।
धर्म है लड़ना
धरती और आदमी को
बचाने के लिए लड़ो ।
शुरू होती है लड़ाई
सब से पहले
रौंदी जाती है धरती
मरता है आदमी !
अनुवाद : नीरज दइया