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सम्भोग की मुद्रा में / केदारनाथ अग्रवाल

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सम्भोग की मुद्रा में

नग्न खड़े हैं

खुले आम

नर और नारी

एक दूसरे से लिप्त

परदा तोड़े

नए युग में

नई सन्तान

पैदा करने के लिए


ला विये (पिकासो का चित्र) को देखकर (रचनाकाल : 30.09.1960)