Last modified on 19 फ़रवरी 2009, at 04:45

सम्राट का देशाटन / तुलसी रमण

रतों रात सज गया
सुदूर अँचल का एक गाँव

तन गये तोरण
बुहारी गयी बाट
जयघोष का
               कुछ हुआ अभ्यास
आँगन की क्यारियों के
सब तोड़े गये फूल
उमड़ पड़ीं मालाएँ
देशाटन पर
निकला सम्राट

सम्राट ने
        एक पँजर से
             हाथ मिलाया
और मुस्करा दिया
एक नगन का कंधा सहलाया
और मुस्करा दिया
फटेहाल बच्चों की ओर फेंके
              कुछ माला फूल
और मुस्करा दिया
देर तक थपथपाती रहीं
                भोली तालियाँ
सफल हुआ जीवन
देख लिया सम्राट
सम्राट ने पहना है
तालियों का लिबास
सम्राट सुंदर है