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सरोकार / हरीश बी० शर्मा

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सरोकार
किण नैं, किण सूं
सगळा आप-आपरै
मतळबां/गरज पडयां
मिळै है -
दूजै सूं गुड़ जैड़ी मीठी बातां करै है।
अर दूजो समझै
म्हारै में तंत है,
जणै आयो है
आ बात नीं जाणै
गधै नै बाप बणायो है।