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साझेदार / वंदना मिश्रा
Kavita Kosh से
पिता के बनाये मकान का
एक इंच भी नहीं मेरा।
पर उनके लगाए
अनगिन पेड़ों
की स्मृति
पर सिर्फ मेरा हक है।
उनका कोई साझेदार नहीं।