भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सिंहवाहिनी दशभुजा चंडी / यात्री

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सिंहवाहिनी दशभुजा चंडी
शत - सहस्त्र शरीरधारिणी
कोना रहती सन्नद्ध?
रक्षा कोना करती सीमांत - रेखाक?
क्षीरसागरमध्य बारहो मास बर्खक बर्ख
अहिना यदि सुतले रहि गेला विष्णु।
अहिना यदि रहला बइसल
नाभिपद्यसंभूत अपरोजक विधाता।
अहिना यदि रहि गेली लक्ष्मी बाँझक बाँझे।
अहिना यदि स्वर्णमृगक पाछाँ-
रहला अपस्यांत मनुपुत्र!
पिआसलि पृथिवी
अहिना यदि कनैत रहली हकन्न!