भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सिद्धो-कानो / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
Kavita Kosh से
सिद्धो कानो हेनोॅ वीर
पत्थर पर जों रहेॅ लकीर।
पत्थर पर जो रहेॅ लकीर
जिनकोॅ खेल-खिलौना तीर।
जिनकोॅ खेल-खिलौना तीर
अंगरेजोॅ लेॅ तित्तोॅ खीर।
अंगरेजोॅ लेॅ तित्तोॅ खीर
सिद्धो कानो हेनोॅ वीर।