भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सीखना / धीरज कंधई

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

कर लो सबकी इज्जत
सीख लो प्यार
मनमानी नहीं करना
सीखना है ठीक से रहना
माँ-बाप से मिल-जुल कर रहना
तब सीखा प्यार
गुरु का आदर करना
वे सिखाएँगे ज्ञान
तभी आप पा सकते मान

अच्छा रास्ता अपना लो
शुद्ध विचार कर
अच्छा कर्म करो तो आदर पाओगे
जीवन में कभी घमंड न करना
आगे बढ़ और खूब पढ़ना
सबसे मिल-जुल कर रहना सीख
ये सब सीख कर
अच्छा इन्सान बन।