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सुआ गीत-1 / छत्तीसगढ़ी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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सुआ गीत हमेशा एक ही बोल से शुरु होता है और वह बोल हैं -
तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे सुअना
और गीत के बीच-बीच में ये दुहराई जाती हैं। गीत की गति तालियों के साथ आगे बढ़ती है।
तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे सुअना
कइसे के बन गे वो ह निरमोही
रे सुअना
कोन बैरी राखे बिलमाय
चोंगी अस झोइला में जर- झर गेंव
रे सुअना
मन के लहर लहराय
देवारी के दिया म बरि-बरि जाहंव
रे सुअना
बाती संग जाहंव लपटाय