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सुण कमला गोरी भाण हे बेबे / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सुण कमला गोरी भाण हे बेबे
बिगड़ी भारत चाल हे बेबे
सरम जगत में ना रही
दो दो छोटी घाल के ए बेबे
गल मैं डुपट्टा घाल के ए बेबे
चलैं गालां के मांह् ए बेबे
सरम जगत में ना रही
ढाई गज की सिलवार हे बेबे
गल पंतरी का सिगार हे बेबे
सरम जगत में ना रही
आंख्यां मैं स्याही घाल के हे बेबे
मात्थे पै बिन्दी लाय के हे बेबे
सरम जगत में ना रही
आंख्यां मैं स्याही घाल के हे बेबे
पड़ै बहुआं ते बाद हे बेबे
सरम जगत में ना रही
ताऊ अर चाचे देखते हे बेबे
देखैं भाई अर बाप हे बेबे
चालैं छाती काढ के हे बेबे
सरम जगत में ना रही
छोड़ो इस पहरान ने हे बेबे
ले ल्यो पुराणी चाल हे बेबे
दामन चूंदड़ी का पहरान हे बेबे
हो जा भारत में नाम हे बेबे
सरम जगत में ना रही