भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सुण नेता जी सम्राट तनै / रणवीर सिंह दहिया

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सुण नेता जी सम्राट तनै, कर दिया बारा बाट तनै,मूंधी मार दी खाट तनै, लिया कालजा चाट तनै, बनाई राज की हाट तनै, जनता दर दर ठोकर खावै।।
1.
शेर बकरी का मेल नहीं, या राजनीति कोई खेल नहीं
तूं नीति घटिया चाल रहया, म्हारी इज्जत उछाल रहया, म्हारे बैरी नै तूं पाल रहया, क्यों लुटवा म्हारा माल रहया,ईबी ना कर तूं टाल रहया, जनता सारी खोल दिखावै।।
2.
लोक राज नारा कड़ै गया, लोक लाज म्हारा कड़ै गया, क्यों करवाया मखौल बता, क्यों तेरा पाट्या झोल बता,क्यों खुलवाई पोल बता,क्यों रहया सै जनता नै सत्ता, ईब पाट लिया सबनै पता, हर कोए यो सवाल उठावै।।
3.
खेती का बना घास दिया, किसानों का कर नाश दिया, किसानों कै मारी चोट, जनता का बता के सै खोट, क्यों बिल ल्याया मारी चोट, क्यों दिए म्हारे तनै गल घोट,क्यों खोज रहया म्हारे रोट, ना म्हारी समझ मैं आवै।।
4.
कुछ ना साथ मैं जाणा सै, आड़ै ए हिसाब चुकाणा सै, जो हां भरकै नै नाटैगा, ना उसके कदे पूरा पाटैगा, तेरे वाद्यां नै कूण चाटैगा, रणबीर दिल मेरे नै डाटैगा, बणा रागनी गम नै बांटैगा, तनै साची साच बतावै।।